Monthly Archives: April 2017

कश्मीर पर 5 कविताएं

1 कल सेनापति का फ़रमान आया हमारी गोलियां खाओ या देशद्रोही कहलाओ….. एक समूचा मुल्क खड़ा हो गया सीना खोले सेनापति की संगीनो के सामने. अब क्या करोगे सेनापति? जब सेनापति राजा की बोली बोलने लगे और राजा तोप की … Continue reading

Posted in General | Comments Off on कश्मीर पर 5 कविताएं

मुल्तवी हैं ख़ाब इन दिनों

मुल्तवी हैं ख़ाब इन दिनों सुलग रही है बर्फ़ कश्मीर में इन दिनो कहते हैं बहुत सर्द था पानी झेलम और चिनाब में घुल गया है दरियाओं में लहू इन दिनो खूबसूरत आंखों में चिन्गारियां हैं दिल तब्दील हो गये … Continue reading

Posted in General | Comments Off on मुल्तवी हैं ख़ाब इन दिनों